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कानपुर39 मिनट पहले
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बिठूर थाने के स्टेशन अफसर कौशलेंद्र सिंह।
- 31 दिसंबर 2018 को चोरी हुई थी कार, थाने में दर्ज कराया गया था केस
- आरोपी एसओ बोले- लावारिस मिली कार, सर्विस क्यों बनी? इस सवाल पर सादी चुप्पी
उत्तरप्रदेश में कानपुर पुलिस का एक बड़ा कारनामा सामने आया है। दो साल पहले साल 2018 में बर्रा इलाके से चोरी हुई वैगनआर कार का इस्तेमाल बिठूर पुलिस स्टेशन के एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह करते हुए पाए गए हैं। कौशलेंद्र बीते साल 2020 में दो जुलाई को बिकरु गांव में गैंगस्टर विकास दुबे के साथ मुठभेड़ में घायल हुए थे। 15 दिन पहले कार को सेवा के लिए सेवा केंद्र भेजा गया, जिसके बाद कार मालिक ओमेंद्र सोनी के पास फीडबैक लेने के लिए कॉल की गई तब पुलिस की इस करतूत का खुलासा हुआ।
सेवा केंद्र से आया फोन तो कार मालिक चौंका
बर्रा निवासी ओमेंद्र सोनी की ऐड (विज्ञापन) एजेंसी है। ओमेंद्र के अनुसार, 31 दिसंबर 2018 को इलाके के एक धुलाई केंद्र से उनकी कार चोरी हो गई थी। बर्रा थाने में केस भी दर्ज कराया गया था। लेकिन कार का कुछ पता नहीं चला। बीते बुधवार को ओमेंद्र के पास हर्ष नगर स्थति केटीएल सेवा केंद्र से कॉल पहुंची, जिसमें पूछा गया कि सेवा के बाद आपकी कार ठीक चल रही है या नहीं? ये सुनकर ओमेंद्र हैरान हो गए। वे तत्काल सेवा सेंटिर पहुंचे तब पता चला कि 15 दिसंबर को बिठूर एसओ ने कार को सेवा प्रदान करने के लिए केंद्र पर भेजा था। 22 दिसंबर को कार पीसीओवर की गई है। कार का नंबर, चेसिस नंबर के आधार पर ओमेंद्र का विवरण सिस्टम में दिखाई दिया तो सेवा केंद्र की ओर से उन्हें फोन किया गया है।
लावारिस हालत में मिली कार थी
वहीं बिठूर एसओ कौशलेंद्र ने कहा कि उन्हें कार लावारिस हालत में मिली थी। जिसे उन्होंने किया था। इसके आगे के सवालों का जवाब उन्होंने नहीं दिया।
जांच के बाद एसओ पर विभागीय कार्रवाई होगी
कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि अगर कार लावारिस मिली थी और उसका इस्तेमाल पुलिसकर्मी कर रहे थे तो यह बहुत गलत था। पूरी घटना की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने पर स्टेशन अधिकारी को विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।