भदोही जिले के जिले में एक अजीबो गरीब हत्या और उसके बाद सजा काटने का मामला सामने आया है। दरअसल 13 साल पहले जिस व्यक्ति की हत्या में चार लोगों की जेल की सजा काटी थी, अब वही मृतक शख्स जिंदा निकला। दरअसल जिस व्यक्ति की हत्या में चारों ने सजा काटी वह व्यक्ति 13 साल बाद पुलिस के हाथों जिंदा पकड़ गया है। 13 साल से मृत घोषित व्यक्ति मौजूदा समय में गोपीगंज पुलिस की कस्तडी में है।
हत्या की नीयत से अपहरण के मामले में दर्ज मुकदमे में जहां चार आरोपित को मिली सजा मिली थी। वहीं, उक्त मामले में 13 साल बाद अधिवक्ता के जीवित मिलने से इलाके में सनसनी मच गया है। इस संबंध में एसएचओ गोपीगंज केके सिंह ने बताया कि थाना छेत्र के चकनीरंजन गांव में पिछले 13 साल पहले एक व्यक्ति ने खुद के अपहरण और हत्या की साजिश रची थी।
इस मामले में उसके परिजनों ने गांव के चार युवकों के खिलाफ हत्या और अपहरण के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद चार युवकों को आरोपी बनाते हुए पुलिस ने जेल भेज दिया था।
लेकिन बुधवार को इसी मामले में हत्या के आरोप में जेल काट रहे युवकों के परिजनों ने पुलिस को सूचना दी कि मृत व्यक्ति तो अपनी पत्नी से मिलने आया था, जिसकी हत्या के आरोप में चारों युवक जेल में हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जीवित अधिवक्ता व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के अनुसार, अग्निरंजन गांव में 13 साल पहले अपहरण और हत्या की साजिश रचकर गांव के चार लोगों के खिलाफ संबंधित मामले में मुकदमा दर्ज कर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया था। उस मामले में 13 साल बाद आरोपियों के परिजनों ने उस शख्स को जिंदा देखकर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया।
घटना के बारे में अपहरण, हत्या के मामले में आरोपी चकनिरंजन गांव निवासी दूधनाथ तिवारी ने बताया कि सन 2008 में उनके पड़ोसी फिलन तिवारी ने मेरी पत्नी को किसी बात को लेकर मारा पीटा था। जिसका विरोध करने के बाद उसने मेरे पूरे परिवार को फंसाने की सूचना रची थी।
सिंचाई के तहत जोखन ने गांव से थोड़ी ही दूरी पर अपने पाही में कुत्ते को मारकर उसका खून बहाना दिया था। इसके बाद वह खुद गायब हो गया था। इस मामले में आरोपण के परिजनों ने कहा था कि उनके परिवार पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें दूधनाथ तिवारी, उनके भाई काशीनाथ तिवारी भी शामिल थे। वहीं, जौनपुर जिले के थाना रामपुर थाना क्षेत्र के नेवादा के रहने वाले उनके दो साले वंश नाथ तिवारी और छोटन तिवारी को भी आरोपी बनाया गया था।
उनके खिलाफ गोपीगंज थाने में धारा 364 की के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें चारों को जेल भेज दिया गया था। चार साल तक सलाखों के पीछे रहने वाले आसपास के लोगों को हाईकोर्ट से जमानत मिली।
उन्होंने बताया कि लगभग 13 साल बाद जोखन तिवारी बुधवार की सुबह छिप-छिपकर अपने घर आया था। जिसे उनकी पत्नी शकुंतला ने देख लिया था। इसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी पति दूधनाथ को दी। फिर तुरंत इसकी सूचना पीआरबी 2290 को दी गई।
मौके पर पहुंची पीआरबी ने जोखन तिवारी को हिरासत में ले लिया और गोपीगंज थाना ले आई। जहां पुलिस मामले की छानबीन में लगी है। दूधनाथ के परिजनों ने आरोप लगाया कि रिकॉर्डिंगन तिवारी अपनी पत्नी से छुप-छुप कर मिलने भी आया था। जिसका परिणाम था कि गायब होने के बाद भी उसको दो बेटे पैदा हुए थे। उसी के बाद से हम लोगों को शक था कि जोखन तिवारी जिंदा है। इसकी तलाश में हम लोग लगे हुए थे।
कोतवाल केके सिंह ने बताया कि जोखन को हिरासत में ले लिया गया है, जिससे हस्तक्षेप की जा रही है। जांच के बाद दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
भदोही जिले के जिले में एक अजीबो गरीब हत्या और उसके बाद सजा काटने का मामला सामने आया है। दरअसल 13 साल पहले जिस व्यक्ति की हत्या में चार लोगों की जेल की सजा काटी थी, अब वही मृतक शख्स जिंदा निकला। दरअसल जिस व्यक्ति की हत्या में चारों ने सजा काटी वह व्यक्ति 13 साल बाद पुलिस के हाथों जिंदा पकड़ गया है। 13 साल से मृत घोषित व्यक्ति मौजूदा समय में गोपीगंज पुलिस की कस्तडी में है।
हत्या की नीयत से अपहरण के मामले में दर्ज मुकदमे में जहां चार आरोपित को मिली सजा मिली थी। वहीं, उक्त मामले में 13 साल बाद अधिवक्ता के जीवित मिलने से इलाके में सनसनी मच गया है। इस संबंध में एसएचओ गोपीगंज केके सिंह ने बताया कि थाना छेत्र के चकनीरंजन गांव में पिछले 13 साल पहले एक व्यक्ति ने खुद के अपहरण और हत्या की साजिश रची थी।
इस मामले में उसके परिजनों ने गांव के चार युवकों के खिलाफ हत्या और अपहरण के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद चार युवकों को आरोपी बनाते हुए पुलिस ने जेल भेज दिया था।
लेकिन बुधवार को इसी मामले में हत्या के आरोप में जेल काट रहे युवकों के परिजनों ने पुलिस को सूचना दी कि मृत व्यक्ति तो अपनी पत्नी से मिलने आया था, जिसकी हत्या के आरोप में चारों युवक जेल में हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जीवित अधिवक्ता व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के अनुसार, अग्निरंजन गांव में 13 साल पहले अपहरण और हत्या की साजिश रचकर गांव के चार लोगों के खिलाफ संबंधित मामले में मुकदमा दर्ज कर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया था। उस मामले में 13 साल बाद आरोपियों के परिजनों ने उस शख्स को जिंदा देखकर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया।
घटना के बारे में अपहरण, हत्या के मामले में आरोपी चकनिरंजन गांव निवासी दूधनाथ तिवारी ने बताया कि सन 2008 में उनके पड़ोसी फिलन तिवारी ने मेरी पत्नी को किसी बात को लेकर मारा पीटा था। जिसका विरोध करने के बाद उसने मेरे पूरे परिवार को फंसाने की सूचना रची थी।
सिंचाई के तहत जोखन ने गांव से थोड़ी ही दूरी पर अपने पाही में कुत्ते को मारकर उसका खून बहाना दिया था। इसके बाद वह खुद गायब हो गया था। इस मामले में आरोपण के परिजनों ने कहा था कि उनके परिवार पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें दूधनाथ तिवारी, उनके भाई काशीनाथ तिवारी भी शामिल थे। वहीं, जौनपुर जिले के थाना रामपुर थाना क्षेत्र के नेवादा के रहने वाले उनके दो साले वंश नाथ तिवारी और छोटन तिवारी को भी आरोपी बनाया गया था।
उनके खिलाफ गोपीगंज थाने में धारा 364 की के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें चारों को जेल भेज दिया गया था। चार साल तक सलाखों के पीछे रहने वाले आसपास के लोगों को हाईकोर्ट से जमानत मिली।
उन्होंने बताया कि लगभग 13 साल बाद जोखन तिवारी बुधवार की सुबह छिप-छिपकर अपने घर आया था। जिसे उनकी पत्नी शकुंतला ने देख लिया था। इसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी पति दूधनाथ को दी। फिर तुरंत इसकी सूचना पीआरबी 2290 को दी गई।
मौके पर पहुंची पीआरबी ने जोखन तिवारी को हिरासत में ले लिया और गोपीगंज थाना ले आई। जहां पुलिस मामले की छानबीन में लगी है। दूधनाथ के परिजनों ने आरोप लगाया कि रिकॉर्डिंगन तिवारी अपनी पत्नी से छुप-छुप कर मिलने भी आया था। जिसका परिणाम था कि गायब होने के बाद भी उसको दो बेटे पैदा हुए थे। उसी के बाद से हम लोगों को शक था कि जोखन तिवारी जिंदा है। इसकी तलाश में हम लोग लगे हुए थे।
कोतवाल केके सिंह ने बताया कि जोखन को हिरासत में ले लिया गया है, जिससे हस्तक्षेप की जा रही है। जांच के बाद दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।