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- केरल विधानसभा के सभी 140 सदस्य, जिनमें भाजपा विधायक भी शामिल हैं, ने कृषि कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया।
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तिरुअनंतपुरम11 मिनट पहले
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ओ राजगोपाल केरल में भाजपा के इकलौते विधायक हैं। (फाइल फोटो)
केरल विधानसभा में गुरुवार को तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास हो गए हैं। सभी 140 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग की। विशेष बात यह है कि विधानसभा में इस प्रस्ताव का समर्थन करने वालों में भाजपा के इकलौते विधायक ओ राजगोपाल भी शामिल थे। हालांकि बाद में वे अपनी बात से पलट गए।
पहले भाजपा विधायक बोले- कानून वापस लो
राजगोपाल ने वोटिंग के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, ” मैंने प्रस्ताव का समर्थन किया है। केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। मैं सदन की आम राय से सहमत हूं। जब राजगोपाल से पूछा गया कि वह अपनी पार्टी के खिलाफ जा रहे हैं? तो उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रणाली है और हमें सर्वसम्मति के मुताबिक चलने की जरूरत है।
फिर मारी पलटी, कहा- सदन में विरोध किया
कुछ घंटों बाद बयान बदलने वाले राजगोपाल ने कहा कि उन्होंने सदन में प्रस्ताव का दृढ़ता से विरोध किया। राजगोपाल बोले, ” सदन में मैंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। मैंने न तो केंद्रीय कानूनों का विरोध किया और न ही केंद्र सरकार के खिलाफ गया। इन कानूनों से किसानों को बहुत फायदा होगा। ”
मुख्यमंत्री ने रखा प्रस्ताव, कहा- ये काला कानून
केरल विधानसभा के विशेष सत्र में गुरुवार को मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव रखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह काला कानून है। इससे किसानों को बहुत नुकसान होगा। सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF), विपक्ष में कांग्रेस की अगुवाई वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (UDF) और भाजपा के समर्थन से यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ।