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लखनऊ7 मिनट पहले
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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने गिरधारी एनकाउंटर मामले में सीजेएम कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है।
- कोर्ट ने वादी केा जारी किया नोटिस, सीजेएम कोर्ट ने दिया था मामला दर्ज करने का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ कन्हैया उर्फ डाक्टर के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के मामले मे हजरतगंज पुलिस को गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट ने वादी को भी नेताटिस जारी किया है। अब मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी।
यह आदेश जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने राज्य सरकार की ओर से दाखिल एक रिवीजन याचिका पर सुनवायी करते हुए पारित किया। सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता वी के साही और अपर शासकीय अधिवक्ता अनुराग वर्मा का तर्क था कि सीजेएम का आदेश विधि विरूद्ध है और रद्द किए जाने वाले थेग्य है। तर्क दिया गया कि इस प्रकरण में पुलिस ने पहले ही दो आलमिकी दर्ज की है तो ऐसे में तीसरी आलमिकी की कोई आवश्यकता नहीं थी।
सुप्रीम कोर्ट की नजीरों का हवाला देकर तर्क दिया गया कि आलमिकी का आदेश देते समय सीजेएम के सामने अभयस्थान संस्तुति का आदेश नहीं था जबकि पुलिस अधिकारियों द्वारा जो भी अपराध कथित रूप से बताया जा रहा है वह सरकारी कार्य के दौरान का है। यह भी तर्क दिया गया कि घटना का केाई प्रतिबिंबमदीद गवाह नहीं है और वादी सर्वजीत सिंह की मोबाइल की लोकेशन अन्यत्र मिली है।
सीजेएम कोर्ट ने केस दर्ज करने का आदेश दिया था
दरअसल सीजेएम ने अधिवक्ता सर्टजीत यादव की सीआरपीसी की धारा 156 की उपधारा 3 के तहत दाखिल अर्जी केा मंजूर करते हुए 25 फरवरी को गिरधारी मामले की विवेचना के आदेश जारी कर दिए थे। सीजेएम ने अपने आदेश में लिखा था कि वादी ने एसडीपी संजीव सुमन और विवेचक चंद्रशेखर सिंह के खिलाफ अपनी अर्जी दी है।
सीजेएम ने कहा था कि यह विवेचना का विषय है कि पुलिस टीम की ओर से इस मुठभेड़ में अपनी आत्मरक्षा के तहत गिरधारी की मृत्यु कारित की गयी या उनके द्वारा आत्मरक्षा की परिधि से बाहर जाकर कोई कृत्य कारित किया गया।