आरक्षण तय होने के बाद कई निवर्तमान जिला पंचायत सदस्यों को निराश होना पड़ा है तो कई को अपना क्षेत्र बदलना पड़ेगा। इस सूची में जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके रेखा सिंह भी शामिल हैं। हालांकि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और सांसद केशरी देवी पटेल के परिवार के लोग अपनी परंपरागत सीट से ही दाव सूची कर सकते हैं।
पिछले चुनाव में रेखा सिंह ने कोरणव प्रथम और मंडा चतुर्थ सीट से दाव सूची की थी और दोनों ही सीट से विजयी हुए थे। मंडा चतुर्थ सीट से रिजफा देने के बाद उनके पति अशोक सिंह सदस्य निर्वाचित हुए। अब यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई है। मंडा प्रथम भी पिछड़ी जाति और द्वितीय अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। ऐसे में रेखा सिंह के मंडा तृतीय से दाव सूची की उम्मीद है। उनकी ओर से आरक्षण की सूची जारी होने के बाद मंडा तृतीय से चुनाव लड़ने की दाव सूची भी कर दी गई है।
वहीं शंकरगढ़ तृतीय से सांसद केशरी देवी पटेल सदस्य निर्वाचित होते रहे। सांसद बनने के बाद उनका बहू ऋचा सिंह इस सीट पर निर्विरोध निर्वाचित हुआ। यह सीट इस बार भी पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है। शंकरगढ़ द्वितीय भी पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित हो गया है। इस सीट पर भी केशरी देवी की दूसरी बहू के दाव सूची की बात कही जा रही है।
जिला पंचायत सदस्य के आरक्षण में बदलाव से कई दिग्गज नेताओं को भी झटका लगा है। करछना द्वितीय से और तीसरे से सपा के वरिष्ठ नेता राज्यसभा सदस्य रेवती रमण सिंह के करीबी के चुनाव लड़ने की चर्चा कर रहे हैं। सपा की ओर से उन्हें अध्यक्ष पद के लिए भी दावेदार माना जा रहा है। इन दोनों ही क्षेत्रों में रेवती रमण की अच्छी पकड़ है।
ऐसे में जीत भी सुनिश्चित करें मानी जा रही थी लेकिन दोनों ही सीट आरक्षित हो गई है। ऐसे में अब उन्हें दूसरी सीट पर जाने के अलावा क्षेत्र में पकड़ भी बनानी होगी। इसके अलावा सपा के वरिष्ठ नेता के बेटे भी हंडिया और उरुवा की किसी सीट से दाव सूची कर रहे हैं। उन्हें भी अध्यक्ष पद का दावेदार माना जा रहा है। ऐसे में जिला पंचायत सदस्य के आरक्षण में उलटफेर से अध्यक्ष पद के समीकरण भी बदल गए हैं।