थालीनॉमिक्स
Economic Survey 2020: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM nirmala sitharaman) ने शुक्रवार को संसद में इकोनॉमिक सर्वे 2020-21 पेश किया है. इकोनॉमिक सर्वे 2020 (Economic Survey 2020) में वेज और नॉन-वेज थाली (Thalinomics) की कीमतों के बारे में जानकारी दी गई है कि कौन सी थाली महंगी हुई है और कौन सी थाली सस्ती हुई.
- News18Hindi
- Last Updated:
January 29, 2021, 5:08 PM IST
एक्सपर्ट के मुताबिक, 5 सदस्यों वाले एक औसत परिवार को जिसमें प्रति व्यक्ति रोजना न्यूनतम दो पौष्टिक थालियों से भोजन करने के लिए प्रतिवर्ष औसतन 13087.3 रूपए जबकि मांसाहारी भोजन वाली थाली के लिए प्रत्येक परिवार को प्रतिवर्ष औसतन 14920.3 रूपये का लाभ हुआ है.
आपको बता दें थाली के दामों पर होने वाले लाभ को क्षेत्रों के हिसाब से तय किया गया है-1. उत्तरी क्षेत्र
>> शाकाहारी थाली- 13087.3
>> मांसाहारी थाली – 14920.3
2. दक्षिणी क्षेत्र
>> शाकाहारी थाली- 18361.6
>> मांसाहारी थाली – 15865.5
3. पूर्वी क्षेत्र
>> शाकाहारी थाली- 15866.0
>> मांसाहारी थाली – 13123.8
4. पश्चिमी क्षेत्र
>> शाकाहारी थाली- 17661.4
>> मांसाहारी थाली – 18885.2
कैसे तय किए गए थाली के दाम
भारत में भोजन की थाली के अर्थशास्त्र (Thalinomics) के आधार पर की गई समीक्षा में पौष्टिक थाली के लगातार घटते दामों को लेकर यह निष्कर्ष निकाला गया है. इस अर्थशास्त्र के जरिये भारत में एक सामान्य व्यक्ति की ओर से एक थाली के लिए किए जाने वाले खर्च का आकलन करने की कोशिश की गई है.
क्या है “थालीनॉमिक्स” ?
“थालीनॉमिक्स” एक तरीका है जिसके जरिए भारत में फूड अफोर्डेबिलिटी का पता चलता है. यानी एक प्लेट खाने के लिए एक भारतीय को कितना खर्च करना पड़ता है, इसका पता थालीनॉमिक्स से चलता है. आपको बता दें भोजन सभी की एक बुनियादी जरूरत है. खाने-पीने का असर डायरेक्ट और इनडायरेक्ट तरीके से आम जनता पर पड़ता है.