यूपी में माफिया का घर तोड़े जाने का मुद्दा पीसीएस -2019 के इंटरव्यू में सवाल बनकर सामने आ गया। एक अभ्यर्थी से पूछा गया कि यूपी में जो माफिया का घर तोड़ा जा रहा है, क्या यह सही है? यदि आप डिप्टी कलेक्टर होते हैं तो क्या निर्णय लेते हैं? कंप्यूटर साइंस के एक अभ्यर्थी से पूछा गया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?
क्या यह संभव है कि भविष्य में हमारी जगह रोबोट इंटरव्यू करेगी? इंटरव्यू के दौरान अभ्यर्थियों के सामने ऐसे तमाम सवाल रखे गए, जिसका जवाब किसी किताब से नहीं, बल्कि अपने विवेक के मुताबिक था। इंटरव्यू के तीसरे दिन भी 119 अभ्यर्थी बुलाए गए थे और उपस्थिति शत्रुपति घबरा रही थी। पहली पाली में 63 और दूसरी पाली में 56 अभ्यर्थियों ने इंटरव्यू दिया।
अभयर्थियों ने बताया कि इंटरव्यू बोर्ड के सामने वे काफी सहज थे और कुछ सवालों पर बोर्ड के सदस्यों से उनकी कड़ी डिस्कशन भी हुई। एक अभ्यर्थी और सदस्यों के बीच व्हाट्सएप गोपनीयता नीति पर काफी देर तक डिस्कशन हुआ। अभयर्थी ने व्हाट्सएप के मुद्दे पर यूरोपियन और भारतीय नीति की तुलना की तो चीन के बारे में पूछ लिया गया। अभयर्थी ने जवाब दिया कि चीन में व्हाट्सएप और फेसबुक प्रतिबंधित है। वहाँ लोग वीचैट का उपयोग करते हैं।
एक अभ्यर्थी से सवाल किया गया कि डिप्टी कलेक्टर का वेतन कैसा होता है? एक अच्छे जीवन के लिए औसत वेतन कितना होना चाहिए?
एक अन्य अभयर्थी ने पूछा कि मोदी सरकार और उसकी नीतियों पर क्या सोचते हैं? अभयर्थी ने अपने विचार बताए तो मोदी के सलाहकारों पर सवाल-जवाब शुरू हो गए। इसके बाद नीति आयोग के बारे में पूछ लिया गया। प्रश्न था कि नीति आयोग योजना आयोग से किस तरह बेहतर है? एक सवाल यह भी था कि भौतिकी और दर्शनशास्त्र का जिला प्रशासन में क्या योगदान हो सकता है?
एक अभ्यर्थी से तो उसकी लंबाई के बारे में ही पूछ लिया गया। अभयर्थी ने लंबाई पैरों में बताई तो कहा गया कि इसे सेंटीमीटर में बदल दें। अभ्यर्थी आईआईटी का छात्र रहा है। उससे सवाल किया गया कि कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई के बाद कोई नौकरी क्यों नहीं? अभयर्थी ने जवाब दिया कि कैंपस में उसे जॉब का ऑफर आया था, लेकिन हेइता में काम करना चाहता है।
सार
ये सवाल भी किया गया
- लोक प्रशासन क्या है? जनकल्याण में क्या उपयोगिता है?
- एक व्यक्ति का नाम बताएं जो अर्थशास्त्री के साथ दर्शनशास्त्र का भी विद्वान है और नोबल पुरस्कार भी मिल चुका है?
- पहले की तरह अब टीचर और छात्र का संबंध सम्मान भरा क्यों नहीं रह गया है?
- अपनी कमजोर और मजबूत पक्ष बताएं?
- महिला कुपोषण को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है
- आपके ग्रामीण क्षेत्र की अधिकांश महिलाएं निरक्षर हैं तो उन्हें कैसे जागरूक करेंगे?
- पैडमैन फिल्म के अभिनेता का नाम बताएं?
- कोलेजियम प्रणाली क्या है? क्या यह उचित है?
- तीनों कृषि बिलों का नाम बताओ?
- कोई विधेयक अधिनियम कैसे बन सकता है?
- कौन सा विधेयक है जिस पर सहमति देने के लिए राष्ट्रपति बाध्य हैं?
- भारत में अखिल भारतीय सेवाओं का सृजन किस दृष्टिकोण से किया जाता है?
- एसडीएम के रूप में उनकी दो प्राथमिकताएं बताई गई हैं?
- धार्मिक नेतृत्व क्या है?
- व्हिटनर करप्शन क्या है? यह क्यों बढ़ रहा है?
- यूपी सरकार की पांच स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में बताइए?
विस्तार
यूपी में माफिया का घर तोड़े जाने का मुद्दा पीसीएस -2019 के इंटरव्यू में सवाल बनकर सामने आ गया। एक अभ्यर्थी से पूछा गया कि यूपी में जो माफिया का घर तोड़ा जा रहा है, क्या यह सही है? यदि आप डिप्टी कलेक्टर होते हैं तो क्या निर्णय लेते हैं? कंप्यूटर साइंस के एक अभ्यर्थी से पूछा गया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?
क्या यह संभव है कि भविष्य में हमारी जगह रोबोट इंटरव्यू करेगी? इंटरव्यू के दौरान अभ्यर्थियों के सामने ऐसे तमाम सवाल रखे गए, जिसका जवाब किसी किताब से नहीं, बल्कि अपने विवेक के मुताबिक था। इंटरव्यू के तीसरे दिन भी 119 अभ्यर्थी बुलाए गए थे और उपस्थिति शत्रुपति घबरा रही थी। पहली पाली में 63 और दूसरी पाली में 56 अभ्यर्थियों ने इंटरव्यू दिया।
अभयर्थियों ने बताया कि इंटरव्यू बोर्ड के सामने वे काफी सहज थे और कुछ सवालों पर बोर्ड के सदस्यों से उनकी कड़ी डिस्कशन भी हुई। एक अभ्यर्थी और सदस्यों के बीच व्हाट्सएप गोपनीयता नीति पर काफी देर तक डिस्कशन हुआ। अभयर्थी ने व्हाट्सएप के मुद्दे पर यूरोपियन और भारतीय नीति की तुलना की तो चीन के बारे में पूछ लिया गया। अभयर्थी ने जवाब दिया कि चीन में व्हाट्सएप और फेसबुक प्रतिबंधित है। वहाँ लोग वीचैट का उपयोग करते हैं।

यूपीपीएससी
– फोटो: अमर उजाला
एक अभ्यर्थी से सवाल किया गया कि डिप्टी कलेक्टर का वेतन कैसा होता है? एक अच्छे जीवन के लिए औसत वेतन कितना होना चाहिए?
एक अन्य अभयर्थी ने पूछा कि मोदी सरकार और उसकी नीतियों पर क्या सोचते हैं? अभयर्थी ने अपने विचार बताए तो मोदी के सलाहकारों पर सवाल-जवाब शुरू हो गए। इसके बाद नीति आयोग के बारे में पूछ लिया गया। प्रश्न था कि नीति आयोग योजना आयोग से किस तरह बेहतर है? एक सवाल यह भी था कि भौतिकी और दर्शनशास्त्र का जिला प्रशासन में क्या योगदान हो सकता है?
एक अभ्यर्थी से तो उसकी लंबाई के बारे में ही पूछ लिया गया। अभयर्थी ने लंबाई पैरों में बताई तो कहा गया कि इसे सेंटीमीटर में बदल दें। अभ्यर्थी आईआईटी का छात्र रहा है। उससे सवाल किया गया कि कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई के बाद कोई नौकरी क्यों नहीं? अभयर्थी ने जवाब दिया कि कैंपस में उसे जॉब का ऑफर आया था, लेकिन हेइता में काम करना चाहता है।