(विवेक कुमार पांडेय)यात्रा पर जा रहा हो और भूख लग जाए या फिर खेलते-खेलते पेट में चूहे कूदने लगें तो सबसे पहले जो फल जेहन में आता है वह है केला (केला)। जी हां, केला जिसे कई बार हैप्पी फूड (हैप्पी फूड) भी कहा जाता है दुनिया भर में ईबे जाता है। बिना मेकिंग चिप्स (केले के चिप्स) के तो कई बार पिकनिक भी अधूरी ही लगती हैं। अपने गुणों को लेकर केला स्वास्थ्य के लिए काफी बेहतर है और हर सीजन (सीज़न) में इसे उत्सर्जित किया जा सकता है।
इतिहास: केले का इतिहास काफी पुराना है। दक्षिण पूर्व एशिया, मुख्यत: भारत में इसका ओरिजिन माना जाता है। 327 ईसा पूर्व (ईसा पूर्व) केला अरब लोगों के जरिए यह पश्चिमी देशों में पहुंचा था। केले का जिक्र भारतीय परंपरा में बहुत पुराना है। तमाम ग्रंथों और पुराणों में इसका जिक्र है। आज भी पूजा-पाठ में प्रतिबंध का काफी महत्व है। भारत में ही केला अलग-अलग साइज और रंग में मिलता है।
महत्व: प्रतिबंध का सामाजिक महत्व बहुत है। मंदिरों और यहां तक कि दक्षिण भारतीय घरों में थाली के तौर पर प्रतिबंध के पत्तों का प्रयोग होता है। हिंदू धर्म में भोजन के लिए प्रतिबंध के टुकड़ों का महत्व कहीं जयंती है। प्रसाद के तौर पर भी प्रतिबंध का प्रयोग SA होता है। सामाजिक सहभागिता-प्रदान में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
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प्रयोग: केला कई रूप से इस्तेमाल होता है। केले की सब्जी, कोफ्ता, चिप्स और अंचार तक बनते हैं। केले के डंठल तक की लजीज सब्जी बनती है। केला पकड तो सही भी उत्स जाता है और लसी, शेक और आइसक्रीम में बनाना फ्लेवर काफी प्रसिद्ध है। कस्तर्ड तो बिना प्रतिबंध के ही नहीं मिलता। इसके साथ ही प्रतिबंध के पौधे से लेकर प्रतिबंध के छिलके तक का प्रयोग खाने में होता है (देश के अलग-अलग हिस्सों में)।
व्यवसाय: भारत वितरण का सबसे बड़ा वर्णन है। भारत के अलग-अलग हिस्सों में जितना केला उगता है उतना ही केला पूरी दुनिया एक्सपर्ट के लिए उगाती है। हालांकि भरत में केवल केले की बहुत खपत है। यह इंस्टैंट एनर्जी देने वाला खाना है साथ ही यह मूड भी सही करता है इसलिए इसे हप्पी फूड भी कहते हैं।
खेती: केले का सबसे ज्यादा उत्पादन महाराष्ट्र में होता है लेकिन सबसे ज्यादा प्रतिबंध के खेत TN में है। इसके बाद कर्नाटक का नंबर आता है। दक्षिण में जाने पर आप हर दुकान में अलग-अलग साइज और रंग के प्रतिबंध लटकते हुए देख सकते हैं। हमारे देश में लगभग 20 तरह के केलों को उगाया जाता है।
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फायदा: प्रतिबंध में मुख्य रूप से पोटेशियम और पेक्टिन पाया जाता है। इसके साथ ही मानव मन को आराम पहुंचाने वाले तत्व भी होते हैं। यह शरीर में सूजन को कम करने में मदद करता है, नर्वस सिस्सट सही रखता है और व्हाइट ब्लड सेल्स बढ़ाने के साथ विटामिन बी 6 को बढ़ाता है।