बेरियाँ:
ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और रैसबेरी प्राकृतिक पोषक तत्वों का एंटी इंफ्लेमेटरी पावरहाउस होता है। यह दिमाग को सेहतमंद रखने में मदद करता है। ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करती है ।मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजेन के कम हुए कार्डियोप्रोटेक्टिव फायदों को सलामत रखने में मदद करती है और हार्ट को सेहमतंद रखती हैं। इन बेरियों में एंटीऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं जो तनाव से निपटने में मदद करते हैं। इनसे मेनोपॉज के दौरान नींद न आने की बीमारी से भी राहत मिलती है।
ये भी पढ़ें: मेनोपॉज के समय इन बातों का ध्यान रखेंसावधानियाँ और क्लिपर साग:
मेनोपॉज के दौरान फल और सब्जी खाना भी सेहत को फायदा देता है। विशेषकर क्लिपर साग, गोभी, कैल, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, और फूलगोभी जैसी सब्जियों का सेवन अधिक करना चाहिए। ये हरि चिंताओंएं एस्ट्रोजन के लेवल को हेल्दी रखने में मददगार है जिससे पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में स्तन कैंसर के खतरे को कम करने में मदद मिलती है।
फल:
सोया समान फलियों में फाइटोएस्ट्रोजेन (फाइटोस्ट्रोजेन) पाया जाता है। जो शरीर में एस्ट्रोजन लेने वाले टिश्यूज की ऊतकों की प्रतिक्रिया को उत्तेजित कर मेनोपॉज से गुजर रही महिलाओं में हार्मोन के उतार-चढ़ाव को सही रखने में मददगार है। सोया वस्तु की सेहत के लिए भी फायदेमंद है। काली बीन्स और किडनी बीन जैसी फलियां रक्त में शर्करा को कम करने और इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाने में मदद करते हैं। कैल्शियम और विटामिन डी के भी अच्छे स्रोत हैं।
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साबुत अनाज:
मेनोपॉज वाली महिलाओं की डाइट में साबुत अनाज भी जरूर होना चाहिए। साबुत अनाजों में कूटू और क्विन्वा जैसे अनाज सहित प्रोटीन, फाइबर, विटामिन बी और मैग्नीशियम पाया जाता है। ये अनाज भी ग्लूटन मुक्त होते हैं जिनमें अधिकांश पारंपरिक अनाज की तुलना में अधिक पोषण होता है।
सैमन:
ओमेगा -3 फैटी एसिड एंटी इन्फ्लैमेटरी गुणों के लिए जाने जाते हैं और ऑयली फिश सैमन इनका बेहतरीन स्रोत है। ओमेगा -3 और फैट एसिड ट्राइग्लिसराइड (ट्राइग्लिसराइड) को सुधारने और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है और महिलाओं का हार्ट भी स्वस्थ रखता है। शोध में भी पाया गया है कि एंग्जाइटी और डिप्रेशन से उबरने के साथ ही ओमेगा -3 फैटी एसिड मिडलाइफ महिलाओं की मानसिक सेहत को बेहतर बनाने में मददगार है। शाकाहारी महिलाओं के विकल्प के तौर पर ओमेगा -3 का सप्लीमेंट्स चुन सकते हैं।
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डार्क चॉकलेट:
डार्क चॉकलेट मैग्नीशियम का एक बेहतरीन स्रोत है। यह तत्व महिलाओं नहीं उनकी डाइट में पर्याप्त नहीं मिल पाता है। मैग्नीशियम मूड, नींद, हड्डियों की सेहत, नियमित रूप से मल त्याग और भी कई चीजों को सही रखने में मददगार होता है।
ये काम करें:
मसालेदार भोजन, उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ और फ़िज़ी ड्रिंक्स से परहेज करें।
संतृप्त वसा में कटौती करें। उन्हें सिमुलेशनट्रेट वसा से बदलें। मसलन खाना बनाते के लिए मक्खन की जगह ओल के तेल का इस्तेमाल में लाएं।
शराब न पी।
ध्यान और सांस लेने के व्यायाम करें। ये शरीर और दिमाग को आराम देने में मदद कर सकते हैं।
जब भी संभव हो, साबुत अनाज, फलों और सब्जियों का ही सेवन करें। (अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं। हिंदी न्यूज़ 18 इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से। संपर्क करें।)