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लखनऊ9 मिनट पहले
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प्रेस कांफ्रेंस कर खुलासा करते अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार।
- बीते 6 साल से दोनों उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ उन्नाव में रह रहे थे, उनके पास से फर्जी दस्तावेज बरामद हुए
उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ता (यूपी एटीएस) ने सोमवार को उन्नाव और नोएडा से दो रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि यह दोनों भारत में अवैध रूप से रोहिंग्याओं को एंट्री करवाता था। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (UNHCR) में उनका पंजीकरण कराकर देश के कई शहरों में उनके खाने और काम करने की व्यवस्था की गई थी। इसके लिए फर्जी दस्तावेज भी तैयार कराए जा रहे थे। एटीएस को दोनों की देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के सबूत हाथ लगे हैं।
म्यांमार के आकियाब जिले के निवासी दोनों
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था (ADG) प्रशांत कुमार ने बताया कि एटीएस ने नोएडा से मोहम्मद फारुख व उन्नाव से शाहिद को गिरफ्तार किया है। मोहम्मद फारुख का असली नाम हसन अहमद है जो म्यांमार के आकियाब जिले का रहने वाला है। दोनों सगे भाई हैं। पूछताछ में पता चला है कि येकी मां और बहन भी अलीगढ़ में रहती हैं। उनके पास से 5 लाख रुपए व तमाम भारतीय दस्तावेज बरामद किए गए हैं। इन्हें रिमांड पर लेकर योग्य है। उनके बाकी सहयोगियों को जिन्हें बंगलादेश से भारत लाया गया है, उन तमाम लोगों की जानकारी जांच टीम जुटागी। अभी तक 1600 रोहिंग्याओं को लिंगित किया गया है। जिसकी खोज जारी है
मीट फैक्ट्रियों में काम करने की खाई थी
एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि हस्तक्षेप में यह भी सामने आया है कि आरोपियों का बहनोई हुसैन अहमद परिवार सहित मनोरंजन हरियाणा रहता है। फारुख ने स्वीकार किया है कि वह अपने भाई शाहिद के साथ मिलकर रोहिंग्याओं को बांग्लादेश बॉर्डर से अवैध रूप से भारत लाएगी है। पंजीकरण कराने के बाद उन्हें अलीगढ़, उन्नाव, मथुरा, नोएडा आदि स्थानों पर मीट फैक्ट्रियों में स्थापित करते हैं। जिसके बदले धन उगाही की जाती थी।