आरक्षण संबंधी कानून को हरियाणा में चल रही सभी निजी कंपनियों, सोसायटियों, ट्रस्ट और फर्म को मानना होगा.
कंफेडरेशन ऑफ आल इंडियन इंडस्ट्री (CII) का कहना है कि आरक्षण से उत्पादकता और प्रतिस्पर्धी क्षमता प्रभावित होती है.
आरक्षण से उत्पादकता और प्रतिस्पर्धी क्षमता प्रभावित होती है
कंफेडरेशन ऑफ आल इंडियन इंडस्ट्री का कहना है कि आरक्षण से उत्पादकता और प्रतिस्पर्धी क्षमता प्रभावित होती है. सीआईआई ने कहा कि उसे उम्मीद है कि राज्य सरकार इसपर पुनर्विचार करेगी. सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ”ऐसे समय जबकि राज्यस्तर पर निवेश आकर्षित करना महत्वपूर्ण है, हरियाणा सरकार को उद्योग पर अंकुश लगाने से बचना चाहिए था.”
ये भी पढ़ें- BoB ग्राहकों के लिए अच्छी खबर, अब बैंकिग कामकाज के लिए सेव कर लें ये नंबर, मिलेगा बड़ा फायदाउन्होंने कहा कि आरक्षण से उत्पादकता और उद्योग की प्रतिस्पर्धी क्षमता प्रभावित होती है. बनर्जी ने कहा, ”हमें उम्मीद है कि हरियाणा सरकार इस पर पुनर्विचार करेगी. प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का है. ऐसे में देश के भीतर एक एकीकृत और सचल श्रम बाजार की उम्मीद करते हैं.”
किन पर होगा लागू और किसे मिलेगा फायदा
गौरतलब है कि आरक्षण संबंधी कानून को हरियाणा में चल रही सभी निजी कंपनियों, सोसायटियों, ट्रस्ट और फर्म को मानना होगा. ये सभी वे संस्थान होंगे जहां पर दस से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं. यह कानून 50 हजार रुपये प्रति माह तक की नौकरी पर लागू माना जाएगा. सभी कंपनियों को तीन महीने में सरकार को ये जानकारी देनी होगी कि उनके कार्यालय में 50 हजार रुपये मासिक वेतन के कितने पद हैं और इस पर हरियाणा के स्थानीय लोग कितने काम कर रहे हैं. इस कानून का सीधा फायदा डोमिसाइल धारकों को ही मिलेगा.