टेलिकॉम कंपनियों के लिए 300 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम की नीलामी मार्च 2021 से शुरू होगी.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने 5जी सेवाओं (5G Services) के लिए 3300-3600 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी बैंड में 300 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी (Spectrum Auction) की सिफारिश की है. भारतीय नौसेना (Indian Navy) और इसरो (ISRO) के इस्तेमाल के कारण टेलिकॉम सर्विसेस के लिए सिर्फ 175 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम ही बचा है.
- News18Hindi
- Last Updated:
January 28, 2021, 9:14 AM IST
इसरो ने सैटेलाइट सेवाओं के लिए 5जी से मांगा है संरक्षण
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने 5जी सेवाओं के लिए 3300-3600 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी बैंड में 300 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी (Auction) की सिफारिश की है. हालांकि, भारतीय नौसेना (Indian Navy) रडार से जुड़ी सेवाओं के लिए 100 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल कर रही है. वहीं, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 3300-3600 मेगाहर्ट्ज बैंड में 25 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए दावा किया है. इससे दूरसंचार सेवाओं (Telecom Services) के लिए सिर्फ 175 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बचा है. इसरो ने 3300-3600 मेगाहर्ट्ज बैंड में 25 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खाली करने की सहमति दी है. उसने सैटेलाइट सेवाओं के लिए 5जी से संरक्षण मांगा है.
ये भी पढ़ें- अब IPO में निवेश करना होगा बेहद आसान, SEBI एक लॉट की कीमत घटाकर कर सकता है सिर्फ 7500 रुपयेनौसेना ने निचले फ्रीक्वेंसी बैंड के इस्तेमाल की दी सहमति
नौसेना ने किसी निचले फ्रीक्वेंसी बैंड में 100 मेगाहर्ट्ज के इस्तेमाल की सहमति दी है. एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि इससे दूरसंचार ऑपरेटरों के लिए पूरा 300 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम उपलब्ध होगा. यह सरकार की ओर से देश में 5जी सेवाओं के लिए पहचाने गए पहले सेट का स्पेक्ट्रम है. दूरसंचार ऑपरेटर निचले मूल्य पर 3300-3600 बैंड में 100 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की मांग कर रहे हैं. हालांकि, नौसेना और इसरो के दावों की वजह से दूरसंचार विभाग यह स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए उपलब्ध नहीं करा पा रहा था. अब रक्षा मंत्रालय की सहमति के बाद टेलिकॉम कंपनियों को 300 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम उपलब्ध होगा.